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YouTube vs Tik Tok battle

समानता

YouTube और Tik Tok दोनों वीडियो मनोरंजन मंच हैं। दोनों ही उपयोगकर्ताओं को उत्पन्न सामग्री पर भरोसा करते हैं। दोनों प्लेटफार्म पर अच्छी वीडियो बनाए जाते हैं और दोनों ही प्लेटफार्म से क्रिएटर अच्छे खासे रुपए कमाते हैं।

विवाद

इंडिया के अंदर वर्तमान समय में करोना से अधिक प्रचलित टिकटोक वर्सेस युटुब है इसक आरमभ एलविश यादव द्वारा टिक टॉक राँस्ट वीडियो से होती है जिसमें उन्होंने काफी टिक  टॉक क्रिएटर को भला बुरा कहा है।




इस वीडियो को जवाब में एक मशहूर टिक टॉककर आमिर ने अपना एक स्टेटमेंट दिया जिसमें उन्होंने एल्विस यादव की ओर इशारा नहीं करते हुए सभी यूट्यूबरो को नीचा दिखाने की कोशिश की और अपमान जनक शब्दों का प्रयोग किया वह स्टेटमेंट उन्होंने काफी बड़े-बड़े यूट्यूबरो  को टैग किया।
इसके बाद एक मशहूर यूट्यूबर जिसका नाम है कैरीमिनाटी उसने एक वीडियो बनाया जिसका नाम उसने टिक टोक बनाम यूट्यूब: द एंड रखा।


यह वीडियो सोशल मीडिया पर इतना वायरल हुआ कि यह वीडियो मनोरंजन मंच पर सबसे कम समय में सबसे अधिक पसंद किया जाने वाला वीडियो बन गया। इसे 6 दिन में 7 करोड़ से ज़्यादा बार देखा गया. इसका फायदा कैरी को भी खूब मिला. जब उन्होंने ये वीडियो अपने चैनल पर अपलोड किया, तब उनके सब्सक्राइबर्स की संख्या 10.6 मिलियन यानी 1 करोड़ 6 लाख के आसपास थी. लेकिन उस वीडियो के बाद उनके टोटल सब्सक्राइबर्स हो गए हैं 16.7 मिलियन यानी 1 करोड़ 67 लाख हालाँकि, कुछ दिनों के बाद वीडियो को YouTube से यह कहते हुए हटा दिया गया कि उसने YouTube के सामुदायिक दिशानिर्देशों के साथ विरोध किया है।

टिक टॉक का विरोध क्यों

टिकटोक का विरोध कुछ हद तक सही भी है इसमें समाज की कुछ कृतियों को बढ़ावा दिया जा रहा है जिस से आने वाली भावी पीढ़ी तो बहुत बुरा नुकसान पहुंच सकता है अगर आप इसे देखोगे तो आपको मालूम होगा कि इसके अंदर रेप एसिड अटेक‌ प्रकृति को नुकसान जानवरों को नुकसान लड़कियों की इज्जत न करना ऐसी चीजों को बहुत जोर शोर से प्रमोट किया जा रहा है जिससे समाज में अशांति का माहौल उत्पन्न हो सकता हैं


टिक टॉक पर प्रभाव

 इस विवाद का सबसे ज्यादा प्रभाव टिक टॉक पर दिखा है इस विवाद से पहले टिकटोक की गूगल प्ले स्टोर पर रेटिंग 4.5 की थी लेकिन वर्तमान में टिकटों की रेटिंग 1.6 तक आ चुकी है और सर इतने में क्या होने वाला था अभी तो इंडिया की जनता इंडिया में टिकटोक को परमानेंटली बैन करने के लिए जोर सोर से लगी हुई है आगे देखते हैं कि गूगल इंडिया में टिक टॉक को बेन करता है या नहीं करता है लेकिन यह साफ है कि इंडिया की 50% टिक टोक यूजर्स ने टिकटोक को बंद कर दिया है और टिक टॉक का विरोध कर रहे हैं

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